yearnings of the lonly wanderer of utopia...the soulful seeker of the universe...the broad headed lama, walking up in the cold mountain..the Bard, in perpetual wait and wonderment.
Sunday, September 23, 2007
सुप्रभात मधुरिमा
मधुरिमा, ये पहली मुलाक़ात है॥ हिंदी में अब खूब बातें होंगी रात रात भर कुछ अनकही कुछ सुनी सुनी पर नए संवाद की मिठास सदियों तक मेरे मन को ताज़ा रखेंगी॥ आज कि शुरुआत याद रहेगी॥
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